पद्म पुराण में वर्णित पर्यावरणीय विमर्श

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities (SPIJSH)

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities

Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume: 2, Issue: 2, February 2025

DOI: 10.70558/SPIJSH

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Impact Factor: 6.54

Article Title

पद्म पुराण में वर्णित पर्यावरणीय विमर्श

Author(s) Sonali Narware, Sonal Narware.
Country India
Abstract

वर्तमान समय मे इतिहासकारों द्वारा हमारे वैदिक ग्रन्थों, महाकाव्यों,पुराणों में वर्णित पर्यावरण चेतना एवं दर्शन पर गहन रूप से प्रकाश डाला जा रहा है। किन्तु अभी भी इसका दायरा सीमित रूप में ही दिखाई देता है। इसलिये मैं इस शोध के माध्यम से विशेष रुप से पदम पुराण में वर्णित पर्यावरणीय चेतना पर अध्ययन प्रस्तुत कर रही हूं। इस शोध के माध्यम से पर्यावरण के जैविक तत्वों, अजैविक तत्वों, पर्यावरण प्रदूषण, शिकार एवं पर्यावरण शोषण जैसी गतिविधियो, पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण नैतिकता पर प्राचीन भारतीय समाज के लोगों की क्या समझ थी? इस विषय मे जानकारी प्राप्त करने का एक प्रयास इस शोध के माध्यम से किया है।

Area History
Published In Volume 2, Issue 1, January 2025
Published On 19-01-2025
Cite This Narware, S., & Narware, S. (2025). पद्म पुराण में वर्णित पर्यावरणीय विमर्श. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(1), pp. 52-61, DOI: https://doi.org/10.70558/SPIJSH.2025.v2.i1.25105.
DOI 10.70558/SPIJSH.2025.v2.i1.25105

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