आसियान और भारत: समकालीन गतिशीलता और विकास

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities (SPIJSH)

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Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume: 2, Issue: 2, February 2025

DOI: 10.70558/SPIJSH

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Impact Factor: 6.54

Article Title

आसियान और भारत: समकालीन गतिशीलता और विकास

Author(s) मनीषा कुमारी.
Country India
Abstract

भारत और आसियान के बीच पहले से ही स्थापित आपसी सहयोग ने हमेशा ही नए अवसर प्रदान किए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद आसियान के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दी और उन्हें सुदृढ़ करना शुरू किया। दोनों पक्षों के लिए आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाना एक प्रमुख एजेंडा रहा। भारत की “लुक ईस्ट” नीति के तहत आसियान देशों की आर्थिक प्रगति ने इस क्षेत्रीय भागीदारी को मजबूती प्रदान की। 1992 में, भारत क्षेत्रीय भागीदार बना और 1995 में पूर्ण संवाद भागीदार, जिसमें सुरक्षा और राजनीतिक सहयोग के पहलू भी शामिल थे। भारत ने व्यापक आर्थिक सहयोग को सक्रिय करने के लिए 8 अक्टूबर 2003 को आसियान के साथ एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते ने एक व्यापक व्यापारिक कार्यक्रम (सीईपी) का मार्ग प्रशस्त किया। 13 अगस्त 2009 को बैंकॉक में आयोजित बैठक के दौरान, आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता 1 जनवरी 2010 से प्रभावी हुआ, जिसने भारत और आसियान के बीच वस्तुओं के व्यापार को प्रोत्साहित किया। इसके बाद, 9 सितंबर 2014 को, भारत ने आधिकारिक रूप से सेवा व्यापार और निवेश व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस कदम ने भारत और आसियान के बीच निवेश और मानव सशक्तिकरण के लिए नए मार्ग खोले।

Area Political Science
Published In Volume 1, Issue 12, December 2024
Published On 04-12-2024
Cite This कुमारी, . (2024). आसियान और भारत: समकालीन गतिशीलता और विकास. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 1(12), pp. 11-17.

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