Article Title |
न्याय-वैशेषिक दर्शन में धर्म का स्वरूप: एक अवलोकन |
Author(s) | ममता वर्मा, डॉ० विजय कुमार . |
Country | India |
Abstract |
न्याय- वैशेषिक दर्शन भारतीय दर्शन के आस्तिक दर्शनों में स्थान रखता है। इसमें ईश्वर की सत्ता पर विशेष जोर दिया है। ईश्वर को धार्मिक भावना की तुष्टि के लिए नहीं स्वीकार किया गया है बल्कि व्यक्ति के उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान कर्ता के रूप में स्वीकारा गया है। ईश्वर को सृष्टि कर्ता, पालन कर्ता और संहारक के रूप में स्वीकारा गया है। अदृष्ट, जो हमारे कर्मों के फलों का संचय करता है, उसके संचालक के रूप में ईश्वर है। इन दर्शनों में धर्म का तात्पर्य ईश्वर के सहयोग से मोक्ष प्राप्त करना है। साम्प्रदायिक कर्मकाण्ड का न्याय- वैशेषिक दर्शन के धार्मिक स्वरूप में कोई स्थान नहीं है। |
Area | Philosophy |
Published In | Volume 1, Issue 10, October 2024 |
Published On | 31-10-2024 |
Cite This | वर्मा, ., & , . . (2024). न्याय-वैशेषिक दर्शन में धर्म का स्वरूप: एक अवलोकन. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 1(10), pp. 140-146. |