Article Title |
पर्यावरण, विकास एवं अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों की वर्तमान स्थिति |
Author(s) | Dr. Ajay kumar. |
Country | India |
Abstract |
विकास और पर्यावरण, वर्तमान समय में दोनों की महत्व से हैं| जहां पर्यावरण हमारा आधारभूतता है, उसी प्रकार विकास हमारी आधुनिकता, प्रगति, सीमित संसाधनों का उपयुक्तता से प्रयोग का एक साधन है| गांधी कहते थे कि इन्हीं साधनों का सही तरीके से प्रयोग करना है, और यह उपयुक्तता से प्रयोग विकास एवं तकनीकी से ही ज्यादा सुलभ है| इस तकनीकी के साथ हमें विकास भी करना है और हमारे पर्यावरण को वर्तमान पीढ़ी के लिए ही नहीं भविष्य की पीढ़ी के लिए भी बनाए और बचाए रखना है| यह लेख इसी विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन और असंतुलन के बीच के वाद पर चर्चा करता है| साथ ही ,क्योंकि पर्यावरण एक अंतर्राष्ट्रीय विषय है, सबको प्रभावित करता है, अतः इस समस्या का समाधान इस लेख में सिद्धांतो के माध्यम से देखा गया है जैसे यथार्थवादी सिद्धांत, नव यथार्थवादी सिद्धांत, उदारवादी सिद्धांत नव–उदारवादी सिद्धांत, मार्क्सवादी सिद्धांत पर्यावरण सिद्धांत| यह सिद्धांत भले ही कितने भी पुराने हों परंतु आज भी अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान इन सिद्धांतों के माध्यम से निकालने का प्रयास किया जाता है यह लेख इन सिद्धांतो की चर्चा पर आधारित हैं| |
Area | Political Science |
Published In | Volume 1, Issue 8, August 2024 |
Published On | 24-08-2024 |
Cite This | kumar, A. (2024). पर्यावरण, विकास एवं अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों की वर्तमान स्थिति. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 1(8), pp. 1-8. |