जनसंख्या प्रवास प्रतिरूप एवं आर्थिक परिवर्तन: कुमाऊं मंडल का एक भौगोलिक विश्लेषण

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities (SPIJSH)

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Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume: 1, Issue: 12, December 2024

DOI: 10.70558/SPIJSH

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Article Title

जनसंख्या प्रवास प्रतिरूप एवं आर्थिक परिवर्तन: कुमाऊं मंडल का एक भौगोलिक विश्लेषण

Author(s) Raghwendra Kumar Yadav, Dr. Rana Pratap Yadav.
Country India
Abstract

भारत के उत्तरी भाग में स्थित उत्तराखंड राज्य का निर्माण 9 नवंबर 2000 को हुआ था इस राज्य की भौगोलिक दृष्टि से विशेष स्थलाकृतिक विशेषताएं हैं। जिसके आधार पर इस राज्य को 2 मंडलों गढ़वाल एवं कुमायूं मंडल में विभाजित किया गया है गढ़वाल मंडल में 7 जिले हैं जबकि कुमायूं मंडल में कुल 6 जिले शामिल हैं। उत्तराखंड राज्य सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी जिलों में लम्बे समय से प्रतीक्षित विकास ने इन जिलों के विकास को कुमाऊं क्षेत्र के अन्य मैदानी जिलों की तुलना में पीछे धकेल दिया है। इसके परिणामस्वरूप इन जिलों से प्रमुख कार्यबल का लगातार पलायन हुआ है, जिसमें बड़े पैमाने पर इन क्षेत्रों के पुरुष, युवा शामिल हैं। इससे इन जिलों की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ा है। कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी जिले मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं, उद्योगों की स्थापना मुख्य रूप से क्षेत्र के दो मैदानी जिलों में हुई है, जो इस क्षेत्र में प्रवास का प्रमुख कारण है। पलायन का प्रमुख कारण कुमाऊँ क्षेत्र के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकारी पहल की कमी, पर्यटन और कृषि को बढ़ावा देने में विफलता है। अधिक आर्थिक अवसरों से लाभान्वित होने के लिए कुमाऊं क्षेत्रों में शहरों की ओर प्रवास सबसे अधिक दर्ज किया गया है।

Area Geography
Published In Volume 1, Issue 7, July 2024
Published On 10-07-2024
Cite This Yadav, R. K., & Yadav, R. P. (2024). जनसंख्या प्रवास प्रतिरूप एवं आर्थिक परिवर्तन: कुमाऊं मंडल का एक भौगोलिक विश्लेषण. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 1(7), pp. 47-59.

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